जतमई घटारानी मंदिर की पूरी जानकारी
छत्तीसगढ़ में झरनों के बीच बसीं मां जतमई के दर्शन करने के लिए बरसात का मौसम सबसे बढ़िया रहता है. मां का ये मंदिर जंगल के बीचों-बीच बना हुआ है तथा बहुत ही सुन्दर है। अगर आप शहर के प्रदूषण से दूर कुछ दिन शांति और प्रकृति के बीच बिताना चाहते हैं तो इससे अच्छी और कोई दूसरी जगह हो ही नहीं सकती है।


जतमई मंदिर:-
जतमई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किमी की दूरी पर स्थित हैं। जतमई मंदिर के बाजू से ही नदी बहती है जो छोटा सा जलप्रपात बनाती है माता के मंदिर में हर साल चैत्र और कुंवार के नवरात्रों में मेले का आयोजन किया जाता है।
पटेवा के निकट स्थित जतमई जंगल क्षेत्र में फैला है। बरसात के दिनों में झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है , यहाँ पर्यटक झरने का बहुत आनंद उठाते हैं|
पटेवा के निकट स्थित जतमई जंगल क्षेत्र में फैला है। बरसात के दिनों में झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है , यहाँ पर्यटक झरने का बहुत आनंद उठाते हैं|
जतमई मंदिर में उत्साह और भक्ति के साथ नवरात्रि पर्व मनाया जाता है, यहाँ नवरात्रि की तरह विशेष उत्सव के मौकों पर एक सजावट देखतें बनता है। मानसून के बाद यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय है। मंदिर के निकट सुंदर झरना बहती है, जो इस जगह को और अधिक आकर्षक बना देता है झरना इस जगह को पूरे परिवार के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बना देता है। पहुँचने के लिए गाड़ियां रायपुर से जतमई मंदिर के लिए आसानी से उपलब्ध हैं।
जतमई और घटारानी छत्तीसगढ़ के दो खूबसूरत जलप्रपात हैं, जो बरसात के मौसम में देखते ही बनते हैं। धार्मिक आस्था वाले लोगों के लिए यह तीर्थ भी है। यहां देवी मंदिर के साथ शिवलिंग भी है,यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़कें हैं।
घटारानी मंदिर :-
जंगलों व पहाड़ों से घिरा हुआ घटारानी में भी बेहतरीन जल-प्रपात है। घटारानी मंदिर की भी बहुत मान्यता है। घटारानी प्रपात तक पहुंचना आसान नहीं है,यहाँ के रास्ते खतरनाक मोड़ से भरा हुआ है पर पर्यटकों के जाने के लिए पर्याप्त साधन हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सबसे अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है इस समय झरने में पानी रहता है ।जतमई और घटारानी छत्तीसगढ़ के दो खूबसूरत जलप्रपात हैं, जो बरसात के मौसम में देखते ही बनते हैं। धार्मिक आस्था वाले लोगों के लिए यह तीर्थ भी है। यहां देवी मंदिर के साथ शिवलिंग भी है,यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़कें हैं।
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