चर्रे-मर्रे जलप्रपात अंतागढ़,कांकेर|चर्रे -मर्रे जलप्रपात की खासियत | चर्रे-मर्रे जाने का सबसे अच्छा समय | कैसे पहुंचे
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में जिला मुख्यालय कांकेर से 85 किलोमीटर व अंतागढ़ ब्लाक से 17 किलोमीटर दूर आमाबेड़ा के रास्ते पर जोगी नदी पर चर्रे-मर्रे जलप्रपात छत्तीसगढ़ में एक और खूबसूरत जलप्रपात है। इस झरने का मुख्य स्रोत जोगीधारा नदी है, जो मटला घाटी में बहती है जिसे स्थानीय लोगों द्वारा अंतागढ़ नदी या कुत्री नदी भी कहा जाता है। जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में इकट्ठा होकर दक्षिण दिशा में लंबी दुरी तय कर कोटरी नदी में मिलती है।![]() |
चर्रे-मर्रे जलप्रपात |
चर्रे -मर्रे जलप्रपात की खासियत :-
बस्तर के सभी जिलों में कई झरने है। जगदलपुर में चित्रकोट,तीरथगढ़ तो दंतेवाड़ा में हांदावाड़ा, फूलपाड़ जैसे बड़े झरने है। नारायणपुर जहां अपनी अबूझमाड़ियां संस्कृति के लिये विश्व भर में प्रसिद्ध है वहीं नारायणपुर प्राकृतिक दृश्यों से भी संपन्न है। नारायणपुर में कई झरने है जो आज भी पर्यटकों की नजरों से ओझल है।इस जलप्रपात की खासियत ये है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ झरना पर्यटकों को साल भर आकर्षित करता है। यह झरना ज्यादा उंचा तो नही है परन्तु उबड खाबड चटटानों से नदी का गिरता पानी मनमोह लेता है। आसपास की हरितिमा नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है।
चर्रे-मर्रे जाने का सबसे अच्छा समय :-
चर्रे-मर्रे जलप्रपात को देखने के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से लेकर फरवरी माह तक है इस बीच में झरने में पर्याप्त पानी होता है। दोस्तों व परिवार के साथ मनोरंजन और पिकनिक के लिए यह जगह बहुत अच्छा है।
कैसे पहुंचे :-
चर्रे-मर्रे जलप्रपात कांकेर या नारायणपुर से निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है कांकेर से 85 किलोमीटर व अंतागढ़ ब्लाक से 17 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है यह झरना।
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